टीचर पर हास्य कविता और गज़ब के चुट्कुले पर आधारित हिन्दी कहानी (Corona lockdown के बाद स्कूल खुलने पर क्या हुआ 😂😂)
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप लोग, मेरे इस ब्लॉग में आपका स्वागत है । मैं इस ब्लॉग में हास्य पर आधारित एक कहानी लिखूंगा, लेकिन उससे पहले चलिए जानते हैं की कहानियां क्यों पढ़नी चाहिए ।
दोस्तों कहानी पढ़ना एक बहुत ही अच्छी आदत है क्योंकि कहानियों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है, कहानियां अक्सर हर इंसान के जीवन में महत्वपूर्ण मायने रखती है, वैसे तो हर इंसान अपनी पसंद के अनुसार कहानियां पड़ता है जैसे सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानी, इतिहास से जुड़ी हुई कहानियां, देवी-देवतावों की कहानी, तो कोई हास्य से भरी हुई कहानियां पढ़ता है और बच्चे तो दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियां सुनना पसंद करते हैं,
लेकिन कुछ भी है कहानियां हर इंसान को पसंद आती है तो मैं भी इस ब्लॉग में एक कहानी लिखूंगा जोकि कुछ स्कूल के छात्रों और एक अध्यापिका के वार्तालाप पर आधारित हास्य से जुड़ी हुई है और मुझे आशा है कि आपको यह पसंद आएगी । तो चलिए शुरू करते हैं मस्ती की पाठशाला…
कक्षा में बच्चों को पढ़ाती हुई अध्यापिका और शरारत करते बच्चे (हिन्दी मे हास्य कहानी )
एक अध्यापिका अपनी कक्षा में आती है और बच्चों को पढ़ाना शुरू करती है और बच्चे बहुत ही शरारती हैं, जिसकी वजह से अध्यापिका को उन्हें पढ़ाने में काफी दिक्कत होती है, तो देखते हैं कि जब वह बच्चों को पढ़ाती है, तो क्या होता है ?
बच्चे - Good Morning मैम
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अध्यापिका - Good Morning बच्चों, अध्यापिका अब Attendance लेती है और बच्चों से पूछती है, जो बच्चे कल नहीं आए थे।
अध्यापिका - Good Morning बच्चों, अध्यापिका अब Attendance लेती है और बच्चों से पूछती है, जो बच्चे कल नहीं आए थे।
अध्यापिका - पोगो, तुम कल स्कूल क्यू नहीं आई थी ?
पोगो - मैम कल मैं जापान गई थी ।
अध्यापिका - तो इतनी जल्दी कैसे लौट आई ।
पोगो - मैम वहा तो मैं सपने में गई थी ।
अध्यापिका - बेवकूफ बैठ जाओ, रामू तुम कल स्कूल क्यों नहीं आए ?
रामू - मैम कल मैं पोगो को एयरपोर्ट छोड़ने गया था, वह जापान गई थी न ।
अध्यापिका - शाबाश रामू, क्या बात है क्या ये कोई जोक हो रहा है, हाथ आगे करो और डंडे खाओ।
रामू - नही मैम मेरा पेट भरा हुआ है,
अध्यापिका - गुस्से में रामू को डंडे मारती हैं । उसके बाद छोटी से पूछती है ।
अध्यापिका - छोटी तुम क्यूं नही आई कल ।
छोटी - मैम जी मैं कल गिर गई थी और मुझे लग गई थी ।
अध्यापिका - देख कर क्यू नही चलती, कहा गिर गई और कहा लग गई ?
छोटी - मैम जी मैं चलते चलते बेड पर गिर गई और मेरी आंख लग गई थी ।
अध्यापिका - ये क्या बोल रही हो, स्कूल न आने का अच्छा बहाना है, आगे से ऐसा नही चलेगा समझी ।
छोटी - जी मैम ।
अध्यापिका - अब सब बच्चे मुझे कल का होमवर्क चेक करवाएंगे, तो सबसे पहले कल्लू तुम दिखाओ ।
कल्लू - मैम हमने होमवर्क नहीं किया ।
अध्यापिका - क्यू नहीं किया ?
कल्लू - क्योंकि मैम कल लाइट नहीं थी ।
अध्यापिका - तो मोमबत्ती जलाकर कर लेते ।
कल्लू - मैम माचिस नहीं थी ।
अध्यापिका - एक माचिस नहीं खरीद सकते थे ।
कल्लू - माचिस था मैम, लेकिन वह पूजा घर में था और हम कल नहाए नहीं थे, इसलिए पूजा घर में नहीं जा सकते थे ।
अध्यापिका - तो नहाया क्यों नहीं ?
कल्लू - मैम पानी नहीं था, क्योंकि मोटर नहीं चल रही थी ।
अध्यापिका - तो मोटर क्यू नहीं चल रही थी ?
कल्लू - बताया न मैम कि, लाइट नहीं थी ।
अध्यापिका - हे भगवान कैसे बच्चे हैं यह सब, चुप गधे ।
अध्यापिका - लल्ला, तुम्हारा कॉपी और पेन कहा है, बोलो होमवर्क कहा है दिखाओ।
लल्ला - मैम जब से आपको देखा, क्या कॉपी क्या पेन, तेरे मस्त मस्त दो नैन, मेरे दिल का ले गए चैन, खो गई कॉपी गुम गया पेन ।
अध्यापिका - वाह मैम से ऐसे बाते करते है, दोनो हाथ ऊपर करके खड़े हो जाओ । पढ़ाई में मन नहीं लगता, सिर्फ शरारत करते है।
अध्यापिका - बच्चों अब मैं तुमसे कुछ सवाल पूछूंगी, तो सबसे पहले शुरू करते हैं चिंटू से ।
अध्यापिका - चिंटू बेटे MATHS की फुल फॉर्म बताओ ।
चिंटू - मेरी आत्मा तुम्हें हमेशा सताएगी ।
अध्यापिका - फुल फॉर्म बता रहे हो कि मुझे बद्दुआ दे रहे हो, बेंच पर खड़े हो जाओ, छोटी तुम बताओ ।
अध्यापिका - छोटी स्कूल का मतलब क्या होता है ?
छोटी - स्कूल उस जगह को कहते हैं, जहां हमारे पापा को लूटा जाता है और हमें कुटा जाता है ।
अध्यापिका - चुप बेवकूफ लड़की अपने दोनों हाथ ऊपर कर लो । अच्छा बच्चों कौन मुझे ऐसा वाक्य बनाकर बताएगा जिसमें हिंदी, उर्दू, पंजाबी, और इंग्लिश का उपयोग हो।
बंटी - मैम जी मैं बताऊं ।
अध्यापिका - शाबाश बंटी बेटा, कौन सा वाक्य बनाया है बताओ ।
बंटी - मैम इश्क दी गली विच No Entry 😂😂
अध्यापिका - चुप, सब एक से बढ़कर एक है । बाहर निकल जाओ और मुर्गा बन जाओ।
अध्यापिका - कल्लू बेटे तुम मुझे छुट्टी के लिए एक आवेदन पत्र सुनाओ । वो भी अपनी मातृ भाषा मे ।
कल्लू - मैम जी, मातृ भाषा यानि माँ की भाषा ।
अध्यापिका - हा,
कल्लू - OK मैम । (भोजपुरी में पत्र सुनता है )।
सेवा में...
श्रीमान मास्टर जी
माध्यमिक पाठशाला पटना,
महोदय,
मास्टर जी रऊआ के अब का बताई की, हमारा के दू दिन से बुखार हो जाता और नकियो से हर हर पानी बहता । एहि से हम स्कूल नयखी आवतानी । त हम रऊआ से निवेदन करतानी की हमरा के दो-चार दिन के छुट्टी दे दी और अगर हम ना आईब तो कौन सा तहार स्कूल बंद होजाई..
राउर आज्ञाकारी शिष्य,
नाम - कल्लू
अध्यापिका - वाह ऐसे तो तुम पेपर में जरूर पास हो जाओगे, पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगाते हो ।
कल्लू - मैम जी पढ़ाई मे दो कारण से मन लगता है।
- पहला कारण डर से,
- दूसरा कारण शौख से,
इसीलिए हमारे पापा कहते हैं कि बिना वजह के शौख मत रखना और डरते हम किसी के बाप से नहीं,😂😂
अध्यापिका - चुप नालायक, कल अपने पापा को लेकर लेकर आना, वरना क्लास में मत आना ।
कल्लू - ठीक है तो हम कल छुट्टी कर लेंगे ।
इतने में एक बच्चा खड़ा होता है जिसका नाम लल्ला होता है, और बोलता है मैम जी हम कुछ पूछे ?
अध्यापिका - हां हां पूछो।
लल्ला - मैम जी, हाथी को फ्रिज में कैसे रखेंगे ?
अध्यापिका - यह क्या सवाल है, हाथी फ्रिज में कैसे आएगा ?
लल्ला - मैम जी, फ्रिज बहुत बड़ा है ।
अध्यापिका - तो फ्रीज को खोल कर उसमें हाथी को डाल देंगे ।
लल्ला - मैम जी, एक सवाल और पुछु ?
अध्यापिका - पूछो ।
लल्ला - गधे को फ्रिज में कैसे रखेंगे ?
अध्यापिका - फ्रिज को खोलेंगे और गधे को उसमें डाल देंगे।
लल्ला - गलत जवाब, पहले हाथी को निकालेंगे फिर गधे को अंदर रखेंगे, फ्रिज इतना भी बड़ा नहीं है की गधा और हाथी दोनों बैठ जाए ।
लल्ला - मैम जी यह बताइए कि बंदर की Birthday पार्टी में सब जानवर और जीव-जंतु गए, पर एक जानवर नहीं गया, वह कौन था ?
अध्यापिका - जंगल का राजा शेर होगा, क्योंकि अगर वह पार्टी में आता तो जानवरों को खा जाता ।
लल्ला - फिर गलत जवाब, गधा नहीं आया था उसे तो हमने फ्रिज में बंद कर दिया था ।
लल्ला - मैम जी एक सवाल और पुछू ?
अध्यापिका - (गुस्से में) हां पूछ बेवकूफ ।
लल्ला - मैम जी रास्ते में एक नदी है, जिसमें एक खतरनाक मगरमच्छ रहता है और उस नदी पर आने जाने के लिए कोई पुल भी नहीं है, तो बताइए कि आप उस नदी को कैसे पार करेंगी ?
अध्यापिका - मैं नाव से नदी को पार करूंगी ।
लल्ला - मैम जी आप नाव कहां से लायेंगे, आप नदी तैर कर भी तो पार कर सकती हैं ।
अध्यापिका - हां कर सकती हूं, लेकिन मगरमच्छ से कौन बचाएगा, तेरा बाप ।
लल्ला - मैम जी आप कितना डरती है पहले ही आपको बताया था कि सभी जीव-जंतु और जानवर बंदर की Birthday पार्टी में गए हैं ।
इतने में छुट्टी की घंटी बजी ।
अध्यापिका - छुट्टी हो गई और कल छोटी abcd और बड़ी ABCD लिखकर लाना और कोई सवाल हो तो पूछो और एक बात याद रखो...
जिंदगी उन स्टूडेंट्स का रास्ता कभी नहीं रुकती जो बच्चे बचपन में पेंसिल छोटी हो जाने पर भी, पेन का ढक्कन लगाकर उसे पकड़ने लायक बना देते हैं ।
इतने में एक बच्चा पूछता है, मैम जी एक सवाल है ?
अध्यापिका - पूछो ।
गोलू - मैम जी बड़े दिनों से सोच रहा था कि आप से पूछु की छोटी abcd से बड़ी ABCD कितने साल बड़ी है ?
अध्यापिका बेहोश हो गई और क्लास यहीं पर समाप्त हो गई, 🤣😂 ।
इस कहानी का VIDEO देखे मस्ती की पाठशाला
दोस्तो हमारी कहानी यही पर समाप्त होती है । परंतु मैं आपसे एक बात कहूंगा कि इस कहानी को कोई भी बच्चा SERIOUSLY न ले क्योंकि ये सिर्फ हास्य के तौर पर ही लिखी गई है।
और मैं अपने सभी दोस्तों और खासकर बच्चों से यही कहूंगा की जिंदगी में अगर कुछ बनाना है तो दिल लगाकर पढ़ाई करे क्योंकि शिक्षा के बिना इंसान पूर्ण नही होता ।
Disclaimer - दोस्तो हमारी ये कहानी सिर्फ हास्य और व्यंग पर आधारित है । और हमारा किसी व्यक्ति विशेष या समुदाय को ठेस पहुंचाने का कोइ उदेश्य नही है।
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